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द गर्ल इन रूम 105–५४

'वेरी फ़नी व्हॉट नेक्स्ट?"

‘नेबर इज़ बिग-बस्टेड ईगर मल्लू आंटी। ये वाला हम भी देखें क्या?"

"वेट, तो इसका मतलब है कि वह सच में ही उस समय पोर्न देख रहा था?" 'बिलकुल ये देखो सरदार हनीमून कपल लीस्ट वीडियो। वेद, वो कैसे श्योर हो सकते हैं कि यह सच में हनीमून वीडियो ही है?"

लक्ष्मण झूठ नहीं बोल रहा था। उस रात जब वो अपनी सीट से दूर था तो पॉर्न ही देख रहा था।

'जयपुर कॉलेज गर्ल शोज...' सौरभ एक के बाद एक उस रात देखे गए पॉर्न वीडियोज के टाइटिल बता

होता है।'

रहा था। 'भाई, एक बात तो है, ये केवल देसी पॉर्न देखता है। इंटरनेशनल में इसको इंट्रेस्ट नहीं देशभक्त

'शट अप उसने ये सब देखना कब बंद किया?' *2:29 मिनट के आसपास।"

यानी 2:40 मिनट तक अपनी पोस्ट पर पहुंचने के लिए उसे इतना ही समय लगा होगा।

"और हां, वहां जाने से पहले धो-पोंछकर साफ़ करने के लिए भी।'

"स्टॉप इटा हिमाद्रि नेटवर्क के आईपी एड्रेस लॉग्स खोलो।'

"हम देख सकते हैं। लेकिन तुम्हें नहीं लगता तुम इसके बजाय हॉट तमिल कपल एंजॉय इन इंडियन ट्रेन देखना चाहोगे? मैं क्यूरियम हूं। शायद आईआरसीटीसी इस वाले को स्पॉन्सर करना चाहे । '

"गोलू, ये मज़ाक़ की बात नहीं है। ये किसी की जिंदगी का सवाल है।' 'ओके, फ़ाइन,' उसने कहा और ब्राउज़र हिस्ट्री बंद करके आईपी एड्रेस की फाइल देखने लगा। "यहां पर हिमाद्रि वाई-फाई नेटवर्क में लॉग्ड-इन होने वाली सभी डिवाइसेस के आईपी एड्रेस या यूनीक

'आईडेंटिफायर्स हैं।' सौरभ ने कहा और कुछ देर तक एक्सेल फ़ाइल का मुआयना करता रहा।

*येस, लक्ष्मण का फोन इस नेटवर्क से कनेक्टेड था। कन्फ़र्स्ट, सौरभ ने कहा।

'मुझे दिखाओ।' उसने अपनी लैपटॉप स्क्रीन पर आईपी एड्रेसेस की एक टेबल दिखाई।

"यह एकदम रियल प्रूफ है कि लक्ष्मण ने यह कल नहीं किया, ' मैंने कहा। "हां, वह आदमी चाहे जितना ठरकी हो, लेकिन कम से कम क़ातिल तो नहीं है।"

'थैंक यू, गोलू मैं इसको लेकर राणा के पास जा रहा है।" 'वेलकम, भाई। लेकिन क्या मैं एक बात पूछ सकता हूँ?"

'श्योर।'

"तुम इस सबमें क्यों इनवॉल्व हो रहे हो? अब हम आजाद हैं। हमें क्या पड़ी है? पुलिस को अपना काम

"करने दो।"

'पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया तभी तो इनवॉल्व होना पड़ रहा है। लक्ष्मण ने यह मर्डर नहीं

किया है।'

"यह लक्ष्मण की समस्या है। या फिर पुलिस की जारा अब इस दुनिया में नहीं है, भाई। उसे अपने दिमाग़

से भी निकाल दो। "मैं जानता हूँ, मुझे यही करना चाहिए। लेकिन काश मैं ऐसा कर पाता. मैंने ठंडी सांस लेते हुए कहा ।

सौरभ ने मेरा बुझा हुआ चेहरा देखा तो मेरे कंधे पर अपना हाथ रख दिया।

"शायद, मैं किसी न किसी तरह से, अब भी उससे जुड़ा रहना चाहता हूं, मैंने कहा 'मैं यह मालूम करना

चाहता हूं कि यह किसने किया है। जब ज़ारा मेरे पास लौटकर आना चाहती थी, तब किसने उसे मुझसे दूर कर

दिया, यह मुझे जानना है।"

"मैं इसका प्रिंट आउट निकाल लेता हूं। हम फल इसे राणा को दिखा सकते हैं।'

"थैंक्स"

'इट्स ओके, भाई। लेकिन प्लीज़ यह देवदास लुक बनाकर मत रखो। फ्रेंच फ्राईज़ खाते समय इस तरह से

मुँह लटकाकर रखने की इजाजत किसी को भी नहीं है।'

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